सबका हित चाहने वाली रचना ही साहित्य है। किसी के लिए वह ब्रह्मानंद है तो किसी के लिए जादूई प्रभाव। वह हमारे भीतर के विकार को निकाल देता है। दृष्टि को परिष्कृत करता है। संस्कार डालता है। परंपरा से बह रही ज्ञान-धारा को बचाए रखता है। जितना हम साहित्य के रहस्य को जानते जाते हैं वह उतना ही रहस्य बनता जाता है। साहित्य के रसास्वादन की आदत जो डाल लेगा वह कभी पथभ्रष्ट हो ही नहीं सकता। वह हमें मुश्किल समय में संबल देता है।
Sunday 5 March 2017
यही है शांतिनिकेतन
यह पुस्तक Amazon पर उपलब्ध है।
पुस्तक - यही है शांतिनिकेतन
प्रकाशन वर्ष-2017
पृष्ठ संख्या- 184
1. पेपर बैक
मूल्य-180 रुपए
2. हार्ड बाइंडिग या पुस्तकालय संस्करण
मूल्य- 250 रुपए।
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