Thursday 5 March 2015

निर्भया कांड पर बीबीसी , सरकार और हम.......

निर्भया कांड पर बीबीसी , सरकार और हम........ किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में हम किसी का इंटरव्यू कैसे रोक सकते हैं और रोके भी तो क्योॆं? क्या कोई देश बीबीसी को यह बताएगा कि उसे क्या दिखाना चाहिए या क्या नहीं। संसद में जिन्होंने भी इस डाक्यूमेंट्री पर हो हल्ला मचाया या सरकार ने बैन लगाने की बात की अफसोस होता है कि क्या ऐसे नेता ही देश चलाएंगे?
बी बी सी ने तो वह आइना दिखाया है जो हमारा है। समाज में खूंकार भेड़िए कहां और कैसे पैदा हो रहे हैं, यह इसमें दिखता है। सभी आरोपियों ने उस दिन शराब पी थी, अशिक्षा है, गरीबी है। याद कीजिए यही दिल्ली सरकार एक बार किराने की दुकान में भी शराब बेचने की लाइसेंस देने का विचार कर रही थी, तब विरोध भी हुआ था। गली गली स्कूल नहीं बनाएंगे, शराब की दुकान खोलेंगे। जो गरीब है अशिक्षा मेंं फंसा रहे, शराब पीता रहे और क्राइम करता रहे। इसके लिए सरकार दोषी है। आज के डेट में भी वे दोषी हैं जो बैन लगाने की बात कर रहे हैं। हम अपना बिगड़ा चेहरा क्यों नहीं देखना चाहते?...बीबीसी ने कहां कहा है कि दोषी को सजा मत दो....यह तो आरोपी की मानसिकता कहती है... वह क्या सोचता है?  समाज के लिए वह कितना खूंखार है, ऐसे लोगों का इलाज कैसे हो,  समाज में उनकी जैसी मानसिकता वाले लोग पहचाने कैसे जाएं, इन सबमें सहायता मिलेगी। कुकृत्य के बाद भी जहां पश्चाताप न हो फांसी के बाद भी किसी को अफसोस क्यों होगा?  ...इससे तो हमारा समाज और एलर्ट होगा कि हमारे आस पास भेड़िए हैं जिनकी सोच, मानसिकता ऐसी है..हमें सावधान रहना है...आरोपी की बात पर डाक्यूमेंट्री अगर मुहर भी लगाती तो पत्रकारिता के स्तर पर सवाल उठता। पर यहां तो बाबासी के काम की सराहना करनी चाहिए कि वह समाज को झकझोर रहा है। कितने आधुनिक विचार हैं निर्भया के मां-बाप के। हम सलाम करते हैं। सरकार की हरकत व साथ साथ उन तमाम नेताओं की हरकत हैरान करने वाली है कि वे चले हैं बीबीसी को रास्ता दिखाने। बैन लगाने की बात तालीबानी विचार धारा है। गुनाह की सजा कोर्ट जल्दी से दे इसके लिए सरकार को काम करना चाहिए। गरीबी क्यों पाल के रखी जाती है, इस पर काम करे..जवाब सरकार दे। आसानी से शराब के ठेके क्यों चलते हैं...सरकार जवाब दे। देखा गया है क्राइम की सीधा कनेक्शन शराब से बहुत अधिक रहता है। अशिक्षा से रहता है। निर्भया भी उसी गरीब तबके से आती है पर शिक्षा उसे कितना महान बनाता है कि वह गांव में अस्पताल बनाना चाहती है या सेवा करना चाहती है। देश स्वर्ग जैसा भी हो जाएगा तो भी क्राइम होगा...हां तब संख्या में कमी हो जाएगी। सरकार गुनाहगार को तुरंत सजा दिलाए, शिक्षा सबको मुहैया करवाए, अमीरी-गरीबी की खाई को पाटे...और बीबीसी को अपना काम करने दे।